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क्या लंबे समय के निवेश के लिए ईटीएफ कारगर हैं?

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निवेश के लिए बाजार में कई विकल्प हैं, लेकिन अच्छा रिटर्न पाने के लिए रणनीति बनाकर सही जगह निवेश करना जरूरी होता है। अक्सर, लंबी अवधि के लिए किया गया निवेश फायदेमंद रहता है। ​एसेट्स बढ़ाने के उद्देश्य से आपको पोर्टफोलियो तैयार करके पैसा ऐसी जगह निवेश करना चाहिए, जिसमें विविधता हो और जहां से आप लंबे समय तक रिटर्न अर्जित कर सकें।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) आपके निवेश पर लंबे समय तक रिटर्न पाने में मदद कर सकते हैं।

ईटीएफ क्या है?

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) भारतीय बाजार में उपलब्ध निवेश के विकल्पों में से एक बेहतर विकल्प है। ईटीएफ निवेश फंड का एक समूह है​, जिसमें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय इक्विटी, कमोडिटी और बॉन्ड सहित विभिन्न प्रकार की एसेट्स में निवेश किया जाता है। ईटीएफ शेयरों की तरह ही होते हैं। स्टॉक एक्सचेंज पर ईटीएफ का शेयरों की तरह ही व्यापार होता है। ईटीएफ पैसिव इनवेस्टमेंट होते हैं, जो BSE सेंसेक्स या CNX निफ्टी जैसे मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं।

ईटीएफ कैसे काम करते हैं?

ईटीएफ एक खास इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और उस इंडेक्स के परफॉर्मेंस को दोहराने की कोशिश करते हैं। अलग-अलग ईटीएफ विभिन्न एसेट्स कैटेगरी जैसे स्टॉक, कमोडिटीज, बॉन्ड आदि में निवेश करते हैं। क्योंकि ईटीएफ इंडेक्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक कर उसे दोहराते हैं, इसलिए इन्हें पैसिवली मैनेज्ड फंड कहते हैं।

उदाहरण के लिए, रिलायंस ईटीएफ निफ्टी BeE एक स्टॉक ईटीएफ है, जो निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल सभी शेयरों में निवेश करता है और उस निफ्टी 50 इंडेक्स पर शेयरों के परफॉर्मेंस को कॉपी करने की कोशिश करता है। हालांकि, इंडेक्स और ईटीएफ के जरिए मिले रिटर्न में अंतर हो सकता है, इसे ‘ट्रैकिंग एरर‘ कहते हैं।

ऐसे में आपको कम ट्रैकिंग एरर वाले ईटीएफ को चुनना चाहिए, क्योंकि यह बताता है कि ईटीएफ बेंचमार्क इंडेक्स के परफॉर्मेंस को प्रभावी रूप से दोहरा रहा है।

ईटीएफ में लंबी अवधि के निवेश करने के फायदे

निवेशक निफ्टी, सेंसेक्स जैसे विभिन्न मार्केट इंडेक्स में अपनी एसेट्स बढ़ाने के लिए ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं और कम लागत पर आगे बढ़ा सकते हैं।

कोई एक्टिव फंड मैनेजर नहीं

ईटीएफ की सबसे खास बात है कि इसमें एक्टिव फंड मैनेजर की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके बजाय, इसमें बाजार पर निर्भर होता है कि कौनसे स्टॉक को खरीदना और बेचना है। इसे पैसिव तरीके से मैनेज किया जाता है। इस कारण वे किसी इंडेक्स से अच्छा परफॉर्मेंस नहीं करते, जबकि वे केवल बेंचमार्क इंडेक्स के परफॉर्मेंस को दोहराते हैं।

सुविधाजनक

ईटीएफ में निवेश करना बेहद आसान है। आप अपनी सुविधानुसार जब चाहें खरीद और बेच सकते हैं। आप इंट्राडे (Intraday) ट्रेडिंग के लिए भी ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं।

सबसे अच्छी बात है कि ईटीएफ में आपको रिडेम्पशन (म्यूचुअल फंड की तरह) की ​चिंता करने की जरूरत नहीं होती। इसमें यूनिट्स का ट्रांसफर बाजार गतिविधियों के अनुसार होता है, जिससे AUM पर असर नहीं पड़ता है। इंडेक्स ईटीएफ का ‘ट्रैकिंग एरर’ इंडेक्स फंड की तुलना में कम हो सकता है। इसलिए ईटीएफ सुविधाजनक निवेश का विकल्प हैं।

बजट अनुकूल (Budget Friendly)

सुविधाजनक निवेश के अलावा ईटीएफ बजट फ्रेंडली भी है। ईटीएफ पैसिव फंड होने के कारण अंडरलाइन एसेट्स की लागत पर इंडेक्स, गोल्ड या बांड को ट्रैक करते हैं।

पैसिव होने के चलते ईटीएफ में म्यूचुअल फंड की तुलना में कम खर्च अनुपात होता है। फंड मैनेजमेंट की लागत कम होने से कम खर्च में अधिक बचत होती है। साथ ही, लंबे समय तक लाभ मिलता है।

फंड पैसिव तरीके से मैनेज होने के कारण ईटीएफ को चलाने में खर्च कम होता है। इसके अलावा सेवा शुल्क भी शून्य है। इसमें ब्रोकर ही कस्टमर सर्विस संभालते हैं। ऐसे में ईटीएफ लागत प्रभावी निवेश है।

रियल-टाइम ट्रेडिंग

ईटीएफ में रियल-टाइम ट्रेडिंग से निवेशकों को काफी फायदा होता है। ईटीएफ का इंट्राडे कारोबार किया जा सकता है और बिजनेस आवर्स में इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। बाजार खुलने के दौरान ईटीएफ दिन में खरीदे और ट्रेड किए जाते हैं। रेगुलर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान ईटीएफ शेयरों का मूल्य एक जैसा नहीं रहता। फंड की अंडरलाइन एसेट्स के इंट्राडे मूल्य में उतार-चढ़ाव होने के कारण कीमतें पूरे दिन बदलती रहती हैं।

ईटीएफ में निवेशक को यह स्पष्ट रहता है कि उनकी यूनिट्स की लागत कितनी थी और उन्हें बेचने पर कितना लाभ हुआ।

लिक्विडिटी

अन्य स्टॉक की तरह ही आप स्टॉक मार्केट एक्सचेंज पर ईटीएफ का आदान-प्रदान कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि म्यूचुअल फंड के विपरीत आप दिन खत्म होने पर भी ETF का इंट्राडे कारोबार कर सकते हैं या खरीद और बेच सकते हैं।

जबकि इंडेक्स फंड यूनिट्स को पहले से तय NAV मूल्य (दिन के अंत में) पर भुनाया जाता है। वहीं, मूल्य में अधिक लाभ के लिए आप ईटीएफ एक्सचेंज पर इंट्राडे खरीद और बेच सकते हैं।

इंट्रा-डे ट्रेडिंग से आपको ईटीएफ यूनिट्स को बेचने या खरीदने और उन्हें अपनी सुविधा के अनुसार भुनाने का मौका मिलता है। यह आपको अपने निवेश को कैश में बदलने की सुविधा भी देता है।

डायवर्सिफिकेशन

निवेश का डायवर्सिफिकेशन करना फायदेमंद रहता है। ईटीएफ में आप अलग-अलग निवेश जैसे अंडरलाइन एसेट्स, गोल्ड, स्टॉक या इंडेक्स फंड को चुन सकते हैं। ईटीएफ के जरिए आप अपने निवेश जोखिम को कम कर सकते हैं। अलग-अलग ईटीएफ के आधार पर आप विभिन्न इक्विटी, देशों, उद्योगों, वस्तुओं आदि तक पहुंच बना सकते हैं।

खरीदने और रखने की क्षमता

जब कोई व्यक्ति लंबे समय के लिए स्टॉक रखता है, तो जोखिम भी साथ होता है। क्योंकि, समय के साथ स्टॉक व्यापार में बदलाव देखने को मिलते हैं। हालांकि, एक इंडेक्स (बैंक निफ्टी) के व्यापार के बुनियादी सिद्धांत आमतौर पर बरकरार रहते हैं, क्योंकि उसमें केवल सबसे महत्वपूर्ण स्टॉक शामिल होता है।

लॉन्ग टर्म ईटीएफ परफॉर्मेंस

रिटर्न के आंकड़े: 28-मार्च-2022 

योजना का नाम1-वर्ष3-वर्ष5-वर्ष
DSP इक्वल निफ्टी 50 ETF24.11%15.45%
UTI निफ्टी इंडेक्स ETF19.66%15.15%14.68%
HDFC इंडेक्स (निफ्टी 50) ETF19.59%15.01%14.60%
SBI निफ्टी इंडेक्स ETF19.57%14.85%14.42%
SBI निफ्टी इंडेक्स ETF19.57%14.85%14.42%
LIC MF इंडेक्स (निफ्टी प्लान) ETF19.39%14.80%14.09%
LIC MF इंडेक्स (सेंसेक्स प्लान) ETF18.16%15.04%14.90%
HDFC इंडेक्स (सेंसेक्स प्लान) ETF18.25%15.14%15.30%

ईटीएफ में ​लंबी अवधि के निवेश के लिए योजना कैसे बनाएं?

आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर ईटीएफ में लंबी अवधि के लिए आसानी से निवेश योजना बना सकते हैं।

1.  सबसे पहले अपने निवेश लक्ष्य निर्धारित करें। इसके बाद वेल्थ क्रिएशन बेनिफिट, समय सीमा, जोखिम उठाने की क्षमता, मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक आप कितना निवेश करना चाहते हैं, इन सब पर मंथन करें।

2. स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड, सेक्टर ईटीएफ, कौनसी एसेट्स में आप निवेश करना चाहते हैं, तय करें।

3. एसेट्स के चयन के बाद आपको लंबी अवधि की निवेश रणनीति के लिए ईटीएफ चुनने की जरूरत है। आप SEBI से पंजीकृत पेशेवरों द्वारा तैयार किए गए रेडीमेड वेल्थबास्केट्स को भी चुन सकते हैं।

4. अपने एसेट मिक्स को बनाए रखने और ईटीएफ को जोड़ने या हटाने के लिए अपने ईटीएफ को नियमित रूप से ट्रैक करें।

निष्कर्ष

ईटीएफ के जरिए लंबी अवधि के लिए पैसा बनाना आसान है। ईटीएफ में आपको तरलता, पारदर्शिता, विविधता और शेयर बाजारों में किसी भी अन्य स्टॉक की तरह खरीदने और बेचने की सुविधा मिलती है। पहली बार निवेश करने वाले लोगों के लिए ईटीएफ ​अच्छा विकल्प है। साथ ही, लंबी अवधि के निवेश के लिए भी अच्छा विकल्प है।वेल्थडेस्क पर आपको SEBI से पंजीकृत पेशेवरों द्वारा तैयार किए गए रेडीमेड वेल्थबास्केट्स पर स्टॉक या ईटीएफ की सुविधा मिलती है। इससे आपकी निवेश यात्रा बिना किसी परेशानी के पूरी हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या भारत में ईटीएफ में निवेश करना सही है?

ईटीएफ निवेश के लिए अच्छा विकल्प है। पैसिव होने के साथ ही इसमें लागत भी कम आती है। रिटर्न, इंडेक्स कैसे काम करता है, एसेट्स में विविधता लाने में कैसे मदद करता है और इंडेक्स/इक्विटी फंड विकल्पों आदि की जानकारी निवेशक के पास होती है।

क्या ईटीएफ लंबी अवधि के लिए हैं?

टैक्स फायदेमंद होने के कारण ईटीएफ लंबी अवधि के लिए सही हो सकते हैं। हालांकि, हर ईटीएफ लंबी अवधि के लिए नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, इनवर्स और लीवरेज्ड ईटीएफ छोटी अवधि के लिए बने हैं। ईटीएफ की पैसिव और विविध खासियतें जितनी ज्यादा होती हैं, उतनी ही लंबी अवधि के निवेश के रूप में बेहतर होती हैं।

आपको कब तक ईटीएफ रखना चाहिए?

यह आपके निवेश लक्ष्यों पर निर्भर करता है। आप कब तक ETF में निवेश करते हैं। तीन साल से ज्यादा के लिए लंबी अवधि के ईटीएफ होल्डिंग से आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, कुछ ईटीएफ के लिए शॉर्ट टर्म रिटर्न भी ज्यादा हो सकता है।

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