शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहता है। निवेशकों को बाजार की चाल को समझना बेहद जरूरी है। India VIX (इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स) से शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाया जा सकता है। इंडिया VIX संभवत: NSE पर सबसे बड़ा बाजार सूचकांक है। इंडिया VIX किसी सेगमेंट या पूरे शेयर बाजार के प्रदर्शन के बजाय बाजार में उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। अन्य सूचकांकों से इंडिया VIX की गणना अलग तरह से होती है। इंडिया VIX को 2008 में पेश किया गया था। इसके जरिए कारोबारी और निवेशक बाजार पर बारीकी से नजर रख सकते हैं और उस हिसाब से आगे बढ़ सकते हैं।
इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे कि इंडिया VIX क्या है, यह क्यों महत्वपूर्ण है, इसकी गणना कैसे की जाती है और इसके परिवर्तन से क्या प्रभाव पड़ता है।
इंडिया VIX या इंडिया वोलैटिलिटी इंडेक्स क्या है?
वोलैटिलिटी सिक्योरिटी प्राइस या बाजार सूचकांक के मूल्य में उतार-चढ़ाव की दर को मापती है। वोलैटिलिटी इंडेक्स एक विशेष बाजार में वोलैटिलिटी (परिवर्तनशीलता) को मापने के लिए होता है। इसमें ज्यादा वोलैटिलिटी ज्यादा जोखिम और कम वोलैटिलिटी कम जोखिम को इंगित करती है।
इंडिया VIX एक वोलैटिलिटी इंडेक्स के जरिए कारोबारी अगले 30 दिनों में निफ्टी 50 में उतार-चढ़ाव का अनुमान लगा सकते हैं। बता दें कि इंडिया VIX को पहली बार 2008 में पेश किया गया था। दुनिया का पहला वोलैटिलिटी इंडेक्स VIX, 1993 में शिकागो बोर्ड ऑप्शंस एक्सचेंज (CBOE) द्वारा पेश किया गया था।
India VIX क्यों महत्वपूर्ण है?
उच्च इक्विटी एक्सपोजर वाले निवेशक इंडिया VIX पर बारीकी से निगरानी रखते हैं। इसे ‘फियर इंडेक्स’ भी कहते हैं। इंडिया VIX बाजार की अस्थिरता और निफ्टी के साथ संबंध रखता है। इंडिया VIX बाजार की अस्थिरता के साथ सकारात्मक संबंध रखता है। वहीं, निफ्टी के साथ इसका संबंध नकारात्मक रहता है। इससे जब इंडिया VIX बढ़ता है, तो निवेशक बाजार में गिरावट की उम्मीद कर सकते हैं।
इंडिया VIX की कैलकुलेशन कैसे होती है?
इंडिया VIX की कैलकुलेशन CBOE के VIX की तर्ज पर ही होती है, जिसमें निफ्टी ऑप्शन बुक में बदलाव को ध्यान में रखा जाता है।
इंडिया VIX की कैलकुलेशन के लिए गणित के ब्लैक एंड स्कोल्स मॉडल (B&S) समीकरण को काम में लिया जाता है। ब्लैक एंड स्कोल्स मॉडल (B&S) दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स के आधार पर डेरिवेटिव के सैद्धांतिक मूल्य का अनुमान लगाता है। साथ ही, समय और जोखिमों के बारे में बताता है।
VIX की कैलकुलेशन के लिए ये कारक हैं जरूरी
एक्सपायरी का समय (Time to expiry)
ब्याज दर (Interest rate)
फॉरवर्ड इंडेक्स लेवल (Forward index level)
Bid-ask quotes
India VIX की कैलकुलेशन करने का फॉर्मूला
स्रोत: NSE
यहां…
Term/Symbol | Meaning |
Σ | India VIX 100 |
T | Time to expiration |
Ki | Strike price of the ith out-of-the-money option; a call if Ki > F and a put if Ki < F |
ΔKi | Interval between strike prices- half the distance between the strike on either side of Ki: ΔKi = (Ki+1 – Ki-1)/2 |
R | Risk-free interest rate to expiration |
Q(Ki) | Midpoint of the bid-ask quote for each option contract with strike Ki |
F | Forward index taken as the latest available price of NIFTY future contract of the corresponding expiry |
K0 | First strike below the forward index level, F |
(नोट: यहां सबसे कम स्ट्राइक में Δ, सबसे कम स्ट्राइक और अगली उच्चतम स्ट्राइक के बीच के अंतर को दर्शाता है। इसी तरह उच्चतम स्ट्राइक में Δ, उच्चतम स्ट्राइक और अगली निचली स्ट्राइक के बीच का अंतर है)
अगर आप इंडिया VIX की गणित को समझना चाहते हैं तो आपको NSE का यह श्वेत पत्र देखना चाहिए।
इंडिया VIX में उतार-चढ़ाव को कैसे समझें?
भारतीय शेयर बाजार में इंडिया VIX बाजार जोखिम को दर्शाता है। कम इंडिया VIX इस बात का संकेत है कि अगले 30 दिनों में स्टॉक की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है। स्थिर स्टॉक की कीमतों का मतलब है कि आप भविष्य में मौजूदा कीमत पर स्टॉक खरीद या बेच सकेंगे।
वहीं, एक उच्च इंडिया VIX का मतलब है कि अगले 30 दिनों में स्टॉक की कीमतें बढ़ सकती हैं। जब स्टॉक की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, तो इससे इक्विटी में निवेशकों के भरोसे पर असर पड़ता है।
India VIX का ऐतिहासिक डेटा
(26 जुलाई 2010 से 20 अप्रैल 2022 तक)
महामारी से पहले इंडिया VIX 30 से नीचे था। इंडिया VIX मार्च 2020 में COVID-19 महामारी के कारण सबसे ज्यादा था। 27 मार्च 2020 को इंडिया VIX 70.39 था। माना जाता है कि इस कारण उस समय स्टॉक की कीमतों में अपेक्षित गिरावट दर्ज की गई थी।
कारोबारी और निवेशक इंडिया VIX डेटा का उपयोग कैसे कर सकते हैं?
निवेश के लिए इंडिया VIX डेटा का इस्तेमाल कैसे करें
इंडिया VIX अगले 30 दिनों के लिए बाजार की अस्थिरता को मापता है। लंबी अवधि वाले निवेशकों को इंडिया VIX में हो रहे बदलाव से इतना प्रभाव नहीं पड़ता। उन्हें शॉर्ट टर्म प्राइस में उतार-चढ़ाव पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। इंडिया VIX में दिन-प्रतिदिन की हलचल लंबी अवधि के निवेश को इतना प्रभावित नहीं करती है।
हालांकि, अगर लंबी अवधि में भी वोलैटिलिटी इंडेक्स बढ़ रहा है, तो इस पर ध्यान देना चाहिए। जब इंडिया VIX लंबी अवधि में भी बढ़ता है, तो इसे बढ़ती अनिश्चितताओं के संकेत के रूप में देखा जाता है।
ट्रेडिंग के लिए इंडिया VIX डेटा का इस्तेमाल कैसे करें
कारोबारियों के लिए ट्रेडिंग के मौजूद विकल्पों में से इंडिया VIX भी एक अच्छा विकल्प है। यह आपको भविष्य में पूर्व-निर्धारित मूल्य पर सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने की सुविधा देता है। जब अस्थिरता बढ़ रही होती है, तो विकल्प का मूल्य बढ़ जाता है। ऐसे में व्यापारियों को इंडिया VIX में उतार-चढ़ाव पर निगरानी रखनी चाहिए।
स्टॉक ट्रेडर के लिए भी इंडिया VIX अच्छा विकल्प है। जब अस्थिरता बढ़ती है, तो स्टॉक ट्रेडर का स्टॉप लॉस में तेजी आ जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादा अस्थिरता के दौरान कीमतें बहुत तेजी से बढ़ती हैं। इसलिए, उन्हें अस्थिरता में बदलाव के अनुसार अपने स्टॉप लॉस को समायोजित करना चाहिए।
क्या आप इंडिया VIX में निवेश कर सकते हैं? क्या आप इंडिया VIX में कारोबार कर सकते हैं?
NSE इंडिया VIX पर फ्यूचर्स ऑफर करता है। फ्यूचर्स के लिए ट्रेडिंग सिंबल INDIAVIX है। NSE F&O (futures and options) अनुभाग के सभी सदस्य INDIAVIX फ्यूचर्स में लेनदेन कर सकते हैं।
आखिर में
इंडिया VIX बाजार की अस्थिरता को अच्छे से दर्शाता है। कारोबारियों के लिए बाजार की अस्थिरता में बदलाव को समझना और उसके अनुसार अपनी रणनीति तैयार करना जरूरी है। हालांकि, बाजार की अस्थिरता में बदलाव लंबी अवधि के निवेश को प्रभावित नहीं करते हैं। अगर लंबी अवधि में अस्थिरता बढ़ती है, तो उन्हें अपने इक्विटी निवेश का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।वेल्थडेस्क पर आप वेल्थबास्केट्स के रूप में क्यूरेटेड पोर्टफोलियो ले सकते हैं। वेल्थबास्केट्स स्टॉक और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से बने पोर्टफोलियो हैं। इन पोर्टफोलियो को SEBI से पंजीकृत पेशेवर मैनेज करते हैं।