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सूचीबद्ध (लिस्टेड)और असूचीबद्ध (अनलिस्टेड) कंपनियों के बीच अंतर

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कंपनियों को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रतिभूतियों की सूची के आधार पर, किसी कंपनी को सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित किया जा सकता है। सूचीबद्ध कंपनियां कई निवेशकों से फंड इकट्ठा करती हैं, जबकि असूचीबद्ध कंपनियों के पास सीमित संख्या में निवेशक होते हैं।

सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियों के जोखिम और रिटर्न की क्षमता अलग-अलग होती है। इसलिए, सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियों के बीच के अंतर को समझ कर आप अपना निवेश से जुड़ा निर्णय बेहतर ढंग से ले सकते हैं।

यह लेख आपको एक सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनी के अर्थ, उनमें निवेश कैसे करें, और सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियों के बीच मुख्य अंतर को समझाने में सहायक होगा।

सूचीबद्ध (लिस्टेड) कंपनी क्या होती है?

कंपनी अधिनियम 2013 [धारा 2 (52)] के अनुसार , कोई सूचीबद्ध कंपनी एक ऐसी कंपनी है जिसकी कोई भी प्रतिभूति किसी भी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो। ऐसी कंपनियों को संबंधित स्टॉक एक्सचेंज की लिस्टिंग आवश्यकताओं का पालन करना चाहिए।

भारत में सूचीबद्ध कंपनियों के कुछ उदाहरण,  Reliance Industries Limited, Tata Consultancy Services, HDFC Bank, Infosys Limited, Bharti Airtel Limited, आदि हैं। इन कंपनियों के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हैं।

किसी सूचीबद्ध (लिस्टेड) कंपनी में निवेश कैसे करें?

1. प्रत्यक्ष इक्वि‍टी निवेश

सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करने के लिए आपको डीमैट और ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है। एक बार आपके पास ये हो जाने के बाद, आप स्टॉक एक्सचेंज के ज़रिए इक्विटी शेयर खरीद सकते हैं और किसी  सूचीबद्ध कंपनी में आंशिक स्वामित्व प्राप्त कर सकते हैं।

2. म्युचुअल फंड

सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में निवेश करने का दूसरा तरीका म्युचुअल फंड के माध्यम से होता है। म्युचुअल फंड में विभिन्न निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया जाता है, जिसे  प्रोफेशनल फंड मैनजर  द्वारा मैनेज किया जाता है, और स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट सिक्योरिटीज आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश किया जा सकता है।

3. वेल्थबास्केट

वेल्थबास्केट विचार, विषय या रणनीति के आधार पर स्टॉक और ETF का रिसर्च से तैयार  संयोजन है और SEBI- रजिस्टर्ड प्रोफेशनल द्वारा निर्मित है।

4. इंडेक्स फंड

इंडेक्स फंड निवेश के मार्ग हैं जो मार्केट इंडेक्स परफॉर्मेंस को ट्रैक करते हैं, उदाहरण के लिए, Nifty 50. ।

5. एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETFs)

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF), ऐसे फंड हैं जिनका स्टॉक की तरह स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार किया जाता है।

असूचीबद्ध (अनलिस्टेड) कंपनी क्या होती है?

किसी असूचीबद्ध कंपनी का अर्थ ऐसी कंपनी से है जिसकी कोई भी प्रतिभूति किसी भी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है। यदि कोई सार्वजनिक कंपनी किसी स्टॉक एक्सचेंज  में सूचीबद्ध नहीं है , तो यह एक असूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी होती है। उदाहरण के लिए, Tata Technologies.।

इसी तरह, असूचीबद्ध निजी कंपनियाँ बिना किसी सूचीबद्ध प्रतिभूति वाली निजी कंपनियाँ हैं, जैसे कि Swiggy, RazorPay, Oyo आदि।

किसी असूचीबद्ध (अनलिस्टेड) कंपनी में निवेश कैसे करें?

1. ESOPs खरीदकर

कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ESOPs) के माध्यम से स्टॉक विकल्प प्रदान करती हैं, जिससे उन्हें मामूली दर पर कंपनी में स्वामित्व पाने का मौका मिलता है। नियोक्ता द्वारा तय समय के बाद, कर्मचारी इन शेयरों को बेचने में सक्षम हो सकते हैं।

आपका ब्रोकर आपको भारत में उन असूचीबद्ध कंपनियों के कर्मचारियों से जुड़ने में मदद कर सकता है जो किसी विशेष मूल्य पर अपने शेयर बेचने के लिए तैयार हैं। इस तरह, आप भारत में शीर्ष असूचीबद्ध कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।

2. निजी प्लेसमेंट द्वारा

कभी-कभी कंपनियां निजी ऑफ़र के ज़रिए कुछ चुनिंदा निवेशकों को शेयर बेचने का विकल्प चुनती हैं।ब्रोकर, संपत्ति प्रबंधक या निवेश बैंक जैसे मध्यस्थ आपको कंपनी के प्रमोटरों से जुड़ने में मदद कर सकते हैं जिनसे आप निजी निवेशक के रूप में उस कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं।

3. PMS और AIF स्कीम में निवेश करके

पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं (PMS) ऐसी सेवाएं हैं जो आपको विभिन्न प्रतिभूतियों के अनुकूल निवेश पोर्टफोलियो प्रदान करती हैं। वे जोखिम को कम करने और रिटर्न को अधिकतम करने के लिए बाज़ार की स्थिति के अनुसार पोर्टफोलियो को फिर से संतुलित करते रहते हैं।

वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) ज़्यादा  पुराने निवेश साधन  नहीं हैं जो अधिक अमीर व्यक्तियों और संस्थानों से धन एकत्र करते हैं और वैकल्पिक निवेश के मार्ग में निवेश करते हैं।

PMS और AIFs अपनी निवेश रणनीतियों के रूप में असूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

4. पूर्व-IPO फंड में निवेश

 पूर्व-IPO  फंड म्यूचुअल फंड की तरह काम करते हैं। हालांकि, वे तीन से पांच वर्षों में सार्वजनिक होने की इच्छुक निजी कंपनियों में निवेश करते हैं। अगर कंपनियां IPOके बाद अच्छा प्रदर्शन करती हैं तो ऐसे फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को काफी फायदा हो सकता है।

सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियों के बीच मुख्य अंतर

अंतर का बिंदु सूचीबद्ध कंपनियां असूचीबद्ध कंपनियां
स्वामित्व आमतौर पर कई शेयरधारकों का स्वामित्व। आमतौर पर कुछ निजी निवेशकों का स्वामित्व।

प्रतिभूतियों की चलनिधि
ज़्यादा  कम 
नियामक आवश्यकताएं
SEBI जैसे नियामकों के सख्त दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है।
पालन करने के लिए अपेक्षाकृत कम दिशानिर्देश हो सकते हैं।


अस्थिरता

ज़्यादा अस्थिरता
अपेक्षाकृत कम अस्थिरता


प्रतिभूतियों का मूल्यांकन


स्टॉक की कीमतों की उपलब्धता के कारण प्रतिभूतियों के बाज़ार मूल्य पर पहुंचना आसान है।


सटीक बाज़ार मूल्य पर पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण है। इसके बजाय, अनुमानित बाज़ार मूल्य का उपयोग किया जाता है।


व्यापार


स्टॉक एक्सचेंज में  प्रतिभूतियों का कारोबार होता है।


ओवर-द-काउंटर मार्केट में प्रतिभूतियों का कारोबार होता है।.


जोखिम और रिटर्न


असाधारण रिटर्न के लिए अपेक्षाकृत कम जोखिम और कम संभावना।


अपेक्षाकृत अधिक जोखिम, हालांकि असाधारण रिटर्न की अधिक संभावनाएं।

अंतिम विचार

सूचीबद्ध और असूचीबद्ध कंपनियाँ इस आधार पर भिन्न होती हैं कि कंपनी के पास कोई सूचीबद्ध प्रतिभूति  है या फिर  नहीं। विनियामक आवश्यकताओं के पालन के कारण सूचीबद्ध प्रतिभूति में निवेश अपेक्षाकृत कम जोखिम भरा हो सकता है। हालांकि, असूचीबद्ध कंपनियां उच्च जोखिम के मुकाबले शानदार रिटर्न दे सकती हैं। निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने निवेश लक्ष्य पर विचार करने की सलाह दी जाती है।क्या आप निवेश करना और पैसा बनाना चाहते हैं? वेल्थडेस्क के माध्यम से वेल्थबास्केट में निवेश करें । वेल्थबास्केट विचार, विषय या रणनीति के आधार पर स्टॉक और ETF का रिसर्च से तैयार मिला जुला रूप है और SEBI-रजिस्टर्ड प्रोफेशनल द्वारा निर्मित है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्राइवेट कंपनियां सूचीबद्ध या फिर असूचीबद्ध हैं?

किसी भी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों वाली निजी कंपनियों को सूचीबद्ध कंपनियां माना जाता है। यदि किसी निजी कंपनी के पास स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कोई प्रतिभूति नहीं है, तो उसे असूचीबद्ध निजी कंपनी माना जाता है।

किसी असूचीबद्ध कंपनी के शेयर की कीमत कैसे जानें?

यदि आप कंपनी के प्रमोटर से जुड़े हैं, तो आप भारत में असूचीबद्ध कंपनियों के शेयर मूल्य के बारे में अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ ऑनलाइन वेबसाइट जैसे UnlistedZone, UnlistedDeal आदि भी उनके शेयर की कीमतें दिखाती  हैं।

क्या आप असूचीबद्ध शेयर बेच सकते हैं?

आप ओवर-द-काउंटर मार्केट  से अन्य निवेशकों को असूचीबद्ध प्रतिभूतियां बेच सकते हैं।

क्या एक असूचीबद्ध कंपनी अच्छी होती  है?

कुछ गैर-सूचीबद्ध कंपनियां  शानदार रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं, हालांकि इनमें  नियमों के कम लागू होने के चलते जोखिम ज़्यादा होता है।

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