रिटर्न कितना मिलेगा…? जब हम निवेश करने की योजना बनाते हैं तो सबसे पहले यह ही सवाल जेहन में उठता है। म्यूचुअल फंड हो या फिर स्टॉक या चाहे सेविंग अकाउंट, सभी जगह निवेश करने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि वहां से कितना रिटर्न मिलने वाला है। एसआईपी पर औसत रिटर्न समेत नियमित निवेश पर रिटर्न की गणना के समय कई बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।
ऐसे में आपको रिटर्न की गणना करने के तौर तरीकों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि निवेश पर एसआईपी रिटर्न आवश्यक न्यूनतम रिटर्न से अधिक है या नहीं।
इस आर्टिकल में हम आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय एसआईपी रिटर्न की गणना के बारे में बताएंगे। जिससे आप एसआईपी रिटर्न की आसानी से कैलकुलेशन कर सकते हैं। आइए समझते हैं कि अपने एसआईपी मुनाफे को कैसे ट्रैक करें।
एसआईपी रिटर्न की कैलकुलेशन के तरीके
1. एब्सॉल्यूट रिटर्न या प्वाइंट टू प्वाइंट रिटर्न
एसआईपी से एब्सॉल्यूट रिटर्न की गणना के लिए शुरुआती और मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (NAV) की जरूरत होती है। इस गणना में होल्डिंग पीरियड की जरूरत नहीं पड़ती है। इससे आप अपने एसआईपी निवेश पर आपके मूल रिटर्न की गणना आसानी से कर सकते हैं।
फॉर्मूला: (मौजूदा नेट एसेट वैल्यू – शुरुआती नेट एसेट वैल्यू ) / शुरुआती नेट एसेट वैल्यू * 100
उदाहरण के लिए:
मौजूदा नेट एसेट वैल्यू = 75 रुपये
शुरुआती नेट एसेट वैल्यू = 60 रुपये
एब्सॉल्यूट रिटर्न = 25%
2. एसआईपी के लिए सालाना रिटर्न की गणना कैसे करें
अगर होल्डिंग टर्म एक साल से कम है तो निवेशकों को रिटर्न की सालाना दर चाहिए होगी। इसे इफेक्टिव इयरली यील्ड (Effective Yearly Yield) भी कहते हैं।
फॉर्मूला: [{(1 + एब्सॉल्यूट रिटर्न रेट) ^ (365/ डे काउंट)} – 1]*100
उदाहरण के लिए:
मौजूदा नेट एसेट वैल्यू = 75 रुपये
शुरुआती नेट एसेट वैल्यू =60 रुपये
डे काउंट = 6 महीने
एब्सॉल्यूट रिटर्न = 25%
साधारण सामान्य रिटर्न प्रतिशत = 56.25%
3. चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR)
चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) किसी विशिष्ट अवधि में अपने निवेश की बढ़ोतरी की गणना करने का सबसे अच्छा तरीका है। खासकर जब आय समय के साथ कम हो गई हो। यह समय के साथ एसआईपी रिटर्न की गणना करने के सबसे सटीक तरीकों में से एक है।
CAGR के जरिए रिटर्न की औसत वार्षिक वृद्धि दर का पता चलता है।अगर होल्डिंग टर्म एक साल से ज्यादा है, तो CAGR अप्रोच से रिटर्न की गणना की जा सकती है।
फॉर्मूला: [{(मौजूदा नेट एसेट वैल्यू / शुरुआती नेट एसेट वैल्यू) ^ (1/ईयर काउंट)} – 1]*100
उदाहरण के लिए:
मौजूदा नेट एसेट वैल्यू = 75 INR
शुरुआती नेट एसेट वैल्यू = 60 INR
ईयर काउंट = 2 साल
CAGR रेट = 11.8%
नोट: एक साल से कम के होल्डिंग टर्म के साथ CAGR की गणना करते समय ईयर काउंट को मंथ काउंट या आवश्यकतानुसार डे काउंट के साथ बदलें।
4. एक्सटेंडेड इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न (XIRR)
MS Excel में XIRR एक ऐसा फंक्शन है, जिससे अनिश्चित वित्तीय प्रवाह के साथ इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न की गणना होती है। जब आप अलग-अलग समय पर कई लेन-देन करते हैं, तो इसके जरिये वार्षिक अर्जित या XIRR (इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न) की गणना कर सकते है। XIRR एक्सटेंडेड IRR है। इससे म्यूचुअल फंड निवेश के रिटर्न की गणना तब की जाती है, जब निवेश साल में अलग-अलग समय पर हुआ हो।
ऐसे होगी गणना
- पहले कॉलम में सभी एसआईपी तारीखों को भरना होगा।
- अगले कॉलम में आपको तारीखों के अनुसार एसआईपी राशि दर्ज करनी होगी। जैसे, अगर किसी खास तारीख के लिए एसआईपी राशि 5 हजार रुपये है, तो आपको उस सेल में –5000 लिखने होंगे। यहां पर माइनस का साइन जरूरी है, क्योंकि यह पैसे के बाहर जाने की स्थिति को दर्शाता है।
- अब आपको एसआईपी डेट कॉलम में वह तारीख दर्ज करनी होगी, जिसे आप रिटर्न की गणना करना चाहते हैं।
- आपको एसआईपी राशि कॉलम में अपनी इकाइयों का कुल बाजार मूल्य दर्ज करना होगा। ध्यान रखें कि यहां माइनस का साइन इस्तेमाल नहीं करना है। हालांकि, रिडेम्पशन प्रॉफिट बाजार मूल्य से अलग हो सकता है, खास तौर पर एक्जिट लोड के साथ।
- इसके बाद खाली सेल पर क्लिक करें और XIRR फंक्शन खोलें। फंक्शन के तीन मापदंड होते हैं, जैसे वैल्यू, दिनांक और अनुमान। अब आपको मूल्य पैरामीटर के लिए कुल बाजार मूल्य के साथ एसआईपी राशि के कॉलम को सेलेक्ट करना होगा। तारीखों के लिए आपको चेकिंग तिथि सहित एसआईपी दिनांक कॉलम को पूरा सेलेक्ट करना होगा। आप गेस पैरामीटर को खाली छोड़ सकते हैं। सब कुछ सही होने पर आपको ‘ओके’ पर क्लिक करना है।
- जो भी रिजल्ट आया, उसको 100 से गुणा करना है। इससे आपकी XIRR दर निकल जाएगी।
निष्कर्ष
भारत में म्यूचुअल फंड सबसे लोकप्रिय निवेश का साधन माना जाता है। आप इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं या डेब्ट में, लेकिन एसआईपी के साथ म्यूचुअल फंड आपकी जरूरतों के अनुरूप अच्छे रिटर्न की गारंटी देता है। हालांकि, अधिकतर लोग इसे बड़ा जटिल समझते हैं, लेकिन एसआईपी के साथ अपने औसत रिटर्न की गणना करना बेहद आसान है।
इस आर्टिकल से आपको पता चला कि म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं और अपने एसआईपी रिटर्न की गणना कैसे करते हैं। आप वेल्थडेस्क के वेल्थबास्केट्स में प्रीमियम ETF और स्टॉक का फायदा उठा सकते हैं। बता दें कि वेल्थबास्केट्स को SEBI से पंजीकृत पेशेवर मैनेज करते हैं। वेल्थबास्केट पर एसआईपी विकल्प, रीबैलेंस और पूरी पारदर्शिता के साथ होल्डिंग को सीधे आपके ब्रोकिंग अकाउंट में ट्रांसफर करने की सुविधा मिलती है।