हालांकि ईटीएफ़ और इंडेक्स फण्ड एक जैसे लग सकते हैं, लेकिन उनके बीच बहुत बारीक अन्तर है। एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड (ईटीएफ़) कोई नयी अवधारणा नहीं है। यह एक विशेष श्रेणी के यन्त्रों का संग्रह या बास्केट है, जो निवेशकों को एक प्रतिभूति के एक हिस्से की क़ीमत पर ऐसी सभी प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति देता है। सबसे पहला ईटीएफ़ 1993 में कनाडा में बनाया गया था। भारत में ईटीएफ़ बाजार पिछले दशक में बढ़ गया है।
जबकि, इंडेक्स फ़ण्ड किसी विशेष इंडेक्स में शामिल सभी प्रतिभूति का संग्रह होता है। ईटीएफ़ की ही तरह, वे भी निवेशक को इस संग्रह में संग्रह की क़ीमत के एक हिस्से पर ही निवेश करने की अनुमति देता है।
यहाँ हम ईटीएफ़ और इंडेक्स फण्ड के बीच अन्तर पर बात करेंगे। इंडेक्स फण्ड क्या है? ईटीएफ़ और इंडेक्स फण्ड के बीच अन्तर, इंडेक्स फण्ड क्या है, म्युचुअल फ़ण्ड, ईटीएफ़ और इंडेक्स फण्ड में समानता और साथ ही एक उपयुक्त वित्तीय यन्त्रों में निवेश कैसे कर सकते हैं।
ईटीएफ़ के बारे में
‘ईटीएफ़’ क्या है?
यदि म्युचुअल फण्ड और स्टॉक की विशेषताओं को मिला दिया जाये, वे एक्सचेंज-ट्रेडेड फण्ड (ईटीएफ़) का निर्माण करेंगी। ठीक म्युचुअल फण्ड की तरह, ईटीएफ़ विभिन्न स्टॉक, बॉण्ड और परिसम्पत्तियों का संग्रह होता है जो निवेशक को निष्क्रिय रूप से प्रबन्धित परिसम्पत्तियों में शेयर के लिए धन की छोटी मात्रा निवेश करने का अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, ईटीएफ़ को स्टॉक जैसे एक एक्सचेंज पर खरीदा या बेचा जा सकता है।
निष्क्रिय प्रबन्धन का अर्थ है कि ईटीएफ़ का व्यय अनुपात (परिचालन और प्रशासकीय उद्देश्यों के लिए प्रयोग फण्ड की परिसम्पत्ति की राशि) विशिष्ट म्युचुअल फण्ड से कम होता है, जिसका अर्थ है निवेशकों के लिए उच्च रिटर्न अनुपात।
ईटीएफ़ कैसे काम करते हैं?
बेहतर समझ के लिए, ईटीएफ़ की कल्पना एक बास्केट की तरह करें। यह एक ही निवेश वर्ग में अलग-अलग परिसम्पत्तियों में निवेश करता है, और ये परिसम्पत्तियाँ कुछ भी हो सकती हैं, जिसमें स्टॉक, बाण्ड या सोना और चाँदी जैसी वस्तुएँ हो सकती हैं।
हर बास्केट में विशेष प्रकार की प्रतिभूति होती है। उदाहरण के लिए, बॉण्ड बास्केट में कॉरपोरेट या सरकारी बॉण्ड होते हैं, और ऊर्जा बास्केट में ऊर्जा उत्पादन और वितरण स्टॉक होते हैं। रियल एस्टेट बास्केट में रियल एस्टेट विकास कम्पनियों के स्टॉक होते हैं।
क्या ईटीएफ़ निवेश शुरु करने का अच्छा तरीका है?
मान लेते हैं कि आपके पास 10,000 रुपये हैं और निवेश के रूप में सोना खरीदना चाहते हैं। समस्या यह है कि यह राशि सोने की एक सन्तोषजनक मात्रा खरीदने के लिए पर्याप्त नहीं है। क़ीमतों के उतार-चढ़ाव के जोख़िम के अलावा, संग्रह के जोख़िम का भी एक अवयव है। इसलिए इसकी बजाय, पैसे को स्वर्ण ईटीएफ़ निवेश में लगाना एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प होगा जहाँ आप सोना नहीं खरीदते बल्कि सोने की एक बड़ी बास्केट का एक शेयर खरीदते हैं जिससे आप व्यवसाय कर सकते हैं या बदल सकते हैं।
ईटीएफ़ का विकास
आसानी और सुविधा जैसे कारकों ने, परिसम्पत्तियों को खरीदने की तुलना में निम्न प्रवेश बिन्दु के साथ मिलकर, ईटीएफ़ को आश्चर्यजनक रूप से सफल बना दिया है। दुनिया भर में 60 से अधिक एक्सचेंज पर 7,000 से अधिक ईटीएफ़ हैं, जिनके अन्तर्गत वैश्विक रूप से लभगग 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की सम्पत्ति का प्रबन्धन (एयूएम) आता है। अमेरिका में, ईटीएफ़ एक साल में लगभग 6.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की मूल्य के बराबर शेयरों का व्यवसाय करता है, जो कि अमेरिकी के सकल घरेलु उत्पाद से भी अधिक है।
भारत ने अपनी ईटीएफ़ यात्रा 2001 में अपने निफ़्टी ईटीएफ़ फ़ण्ड के साथ शुरु की। भारत में लगभग 80 ईटीएफ़ उपलब्ध हैं जो विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतिओं को ट्रैक करते हैं, जिसमें लार्ज-कैप ईटीएफ़ की संख्या अधिक है। निवेशकों के पास चयन के लिए ईटीएफ़ की एक पूरी श्रृंखला उपलब्ध है, जो जोख़िम उठाने का माद्दा और निवेश करने के दर्शन पर निर्भर करती है।
ईटीएफ़ के एयूएम 2015 से 2020 के बीच में 14 गुणा बढ़कर लगभग 2,47,000 करोड़ रुपये पहुँच गया है, जिसकी मिश्रित वार्षिक वृद्धि दर 70% से अधिक है।
स्रोत: Paytm Money
इंडेक्स फ़ण्ड के बारे में
इंडेक्स फ़ण्ड क्या है?
इंडेक्स फ़ण्ड को समझने के लिए, हमें सबसे पहले इंडेक्स को स्पष्ट रूप से समझने की ज़रूरत है। इंडेक्स किसी चीज़ का सूचक या मापन है। वित्तीय शब्दों में, इंडेक्स की प्रतिभूति या बाजार की सांख्यिकीय माप है।
उदाहरण के लिए:
- सेंसेक्स बीएसई पर सूचीबद्ध भारतीय स्टॉक के प्रदर्शन का सूचक है
- निफ्टी एनएसई पर सूचीबद्ध भारतीय स्टॉक के प्रदर्शन का सूचक है
वे फण्ड जो किसी इंडेक्स को ट्रैक करते हैं, जैसे कि अमेरिका में एसएण्डपी 500 या भारत में निफ़्टी 50, जिसे इंडेक्स फ़ण्ड के रूप में जाने जाते हैं। इनमें इंडेक्स ईटीएफ़ और इंडेक्स म्युचुअल फ़ण्ड आते हैं। सभी इंडेक्स ईटीएफ़ बाजार में व्यवसाय योग होते हैं; हालांकि, सभी इंडेक्स फण्ड नहीं होते, और यह इंडेक्स फ़ण्ड और इंडेक्स ईटीएफ़ के बीच का अन्तर है।
साधारण तौर पर कहें तो इंडेक्स फ़ण्ड एक किसी विशेष इंडेक्स में शामिल स्टॉक का बास्केट होता है जो अपनी बाजार के पूँजीकरण के भार के हिसाब से होते हैं। भारत को आवर्ती क्रम में इंडेक्स की ही भाँति रिटर्न देने के लिए सन्तुलित किया जाता है।
इंडेक्स में शामिल सभी स्टॉक को अलग-अलग खरीदने की बजाय, इंडेक्स फ़ण्ड इंडेक्स के सभी शेयर के भाग को क़ीमत के भाग पर खरीदने का अवसर प्रदान करता है। यह ऊपर वर्णित ईटीएफ़ की बास्केट अवधारणा के समान है।
अन्तर यह है कि इंडेक्स फण्ड पूरे इंडेक्स से लिंक होते हैं (निफ्टी 50 इंडेक्स फ़ण्ड) और प्रतिभूति का सामान (स्वर्ण ईटीएफ़) की किसी विशेष श्रेणी से लिंक नहीं होते।
ईटीएफ़ की तरह, इंडेक्स फ़ण्ड भी निष्क्रिय रूप से प्रबन्धित किये जाते हैं, और इस प्रकार उनका व्यय अनुपात निम्न होता है, जिससे लम्बी अवधि में अधिक वृद्धि और बेहतर प्रदर्शन करने वाले सक्रिय रूप से प्रबन्धित फण्ड प्राप्त होते हैं।
इंडेक्स फण्ड कहाँ निवेश करते हैं?
इंडेक्स फण्ड सूचकांकों और उनकी गतिविधियों को एक ही भार को स्टॉक को इंडेक्स के रूप में व्यवस्थित करके अधिकतम सम्भव निकटता से दुहराने का प्रयास करते हैं।
इंडेक्स में बॉण्ड, वस्तुएं या मुद्राएँ हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, बार्कलेज़ कैपिटल एग्रीगेट बॉण्ड इंडेक्स में मॉर्टगेज-पोषित प्रतिभूति, सरकारी बॉण्ड और कॉरपोरेट बॉण्ड होते हैं।
इंडेक्स फ़ण्ड में निवेश के जोख़िम
प्रन्धन शुल्क कट जाने के कारण इंडेक्स फ़ण्ड के रिटर्न इंडेक्स की तुलना में निवेशकों के लिए कुछ कम होते हैं। इंडेक्स के गिरने की स्थिति में, इसे ट्रैक करने वाला इंडेक्स फण्ड नियमों का पालन करेगा।
बॉण्ड को ट्रैक करने वाले इंडेक्स फण्ड की स्थिति में जोखिम जब होता है जब ब्याज दर बढ़ती है, बॉण्ड कम होता है। इंडेक्स फण्ड में ट्रैक सम्बन्धी गड़बड़ियों के कारण कम रिटर्न को जोख़िम भी होता है।
निष्कर्ष
बेहतर जानकारी रखें और विशेष ईटीएफ़ या इंडेक्स फण्ड के बारे में अपना शोध करें और WealthDesk पर जाकर जानें की उनमें निवेश करना शुरु करने का तरीक़ा क्या है। WealthDesk एक शोध-पोषित स्टॉक और पोर्टफोलियो का मिश्रण प्रदान करता है जो कि सेबी में पंजीकृत निवेश पेशेवरों द्वारा पोर्टफोलियो को विविधतापूर्ण बनाना और रिटर्न में सुधार करने में सहायता के लिए बनाया गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इंडेक्स फण्ड पर कर की गणना मानक लघु-अवधि और दीर्घ-अवधि पूँजी लाभ प्रावधानों के अनुसार, उनके रखे जाने की अवधि के आधार पर की जाती है।
ईटीएफ़ से भिन्न, इंडेक्स फण्ड में निवेश करने वाले निवेशकों के पास न्यूनतम 500 रुपये की एसआईपी या न्यूनतम 5,000 रुपये की एकमुश्त रक़म के भुगतान करने का विकल्प होता है।
ईटीएफ़ में निवेशक को न्यूनतम 10,000 रुपये की राशि का निवेश करना होता है, और उनके पास एसआईपी में निवेश करने का विकल्प नहीं होता है। निवेशक द्वारा प्रयोग की गयी ईटीएफ़ के निवेश की रणनीति लघु-अवधि निवेश या लम्बी-अवधि के क्षितिज के लिए एक्सचेंज पर सक्रिय व्यवसाय करना हो सकती है।
चाहे आप ईटीएफ़ का चयन करें या इंडेक्स फण्ड का, कोई भी कर मुक्त नहीं होता। ईटीएफ़ पर कर उनमें मौज़ूद परिसम्पत्तियों के आधार पर लगाया जाता है और उनकी कर देनदारी इंडेक्स फण्ड की तुलना में कम हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि एक ईटीएफ़ में स्टॉक होल्डिंग है, कर देनदारी की गणना इस प्रकार होगी मानो ईटीएफ़ स्टॉक हों।