“अगर मैंने भी कुछ साल पहले इस स्टॉक में निवेश किया होता, तो मैं अब तक करोड़पति होता…” जब भी कोई पेनी स्टॉक के बारे में सुनता है तो उसका पहला रिएक्शन कुछ ऐसा ही होता है। साल 2021 में अमेरिकी बाजार में GameStop ने गैर-वित्तीय लोगों को भी निवेश के लिए आकर्षित किया। उस समय GameStop के पेनी स्टॉक में 2 डॉलर से 3 डॉलर के बीच के शेयर की ट्रेडिंग होती थी। रेड्डिट थ्रेड पर भी व्यापारियों के बीच स्टॉक को लेकर काफी चर्चा हुई। लेकिन, जनवरी 2021 तक GameStop ने 300 डॉलर से अधिक का कारोबार कर लिया था। आज हम आपको इस लेख में पेनी स्टॉक में निवेश के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे। पेनी स्टॉक में संभावनाओं को लेकर भी चर्चा करेंगे।
पेनी स्टॉक क्या है?
भारत में 10 रुपये से नीचे के शेयरों की ट्रेडिंग को पेनी स्टॉक कहा जाता है। पेनी स्टॉक में शेयरों को कम तरलता और अनिश्चितता के लिए जाना जाता है। इन शेयरों में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है, लेकिन इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव होने से घाटा भी हो सकता है। यही वजह है कि पेनी स्टॉक निवेश को सट्टा लगाना भी कहा जाता है। पेनी स्टॉक में धोखाधड़ी की भी आशंका होती है। शेयर बाजार में इसे पम्प एंड डम्प घोटाला भी कहते हैं, जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरफेर हो सकती है।
पेनी स्टॉक में निवेश के फायदे क्या हैं?
- कम लागत
पेनी स्टॉक का सबसे बड़ा फायदा इसकी लागत है। यह बहुत कम कीमत पर ट्रेड करते हैं। उदाहरण के लिए, एक पेनी स्टॉक का लॉट साइज इतना बड़ा नहीं होता है, निवेशक को उतनी ही पूंजी लगाने की जरूरत होती है जितनी कि वे ब्लू-चिप स्टॉक में करते हैं। ऐसे में नए निवेशक ब्लू-चिप शेयरों में निवेश करने की बजाय पेनी स्टॉक में निवेश करना पसंद करते हैं, क्योंकि वहां बड़े स्तर पर प्रति-शेयर की कीमतें ज्यादा होती हैं। ऐसे में आप कम पैसों में भी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
- अच्छा रिटर्न
पेनी स्टॉक में नई और छोटी कंपनियां शामिल होती हैं। ये कंपनियां पेनी स्टॉक के जरिये अपने कारोबार में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करती हैं। कम कीमत के शेयर से अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेश करना शुरू करते हैं। भारतीय बाजारों में पेनी स्टॉक निवेशकों को अच्छा मुनाफा कमाने की अनुमति देता है।
- रातों-रात चमकना
जिन छोटी कंपनियों की क्षमता अधिक नहीं होती, उनके द्वारा पेनी स्टॉक जारी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, एक पेनी स्टॉक कंपनी अच्छी क्रेडिट रेटिंग, अच्छे बुनियादी सिद्धांत, अच्छा प्रबंधन, अच्छी बाजार स्थिति के चलते अचानक से सुर्खियों में आ जाती है। उस स्थिति में वे स्टॉक की कीमतों में रातोंरात अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं।
पेनी स्टॉक में निवेश के नुकसान
- मूल्य की अस्थिरता
सीमित जानकारी, कम ट्रेडिंग और धोखाधड़ी की आशंकाओं के कारण पेनी स्टॉक के मूल्य की भविष्यवाणी करना आसान नहीं है। ब्लू-चिप स्टॉक की तुलना में पेनी स्टॉक के मूल्य में जमीन—आसमान का अंतर हो सकता है। जहां इसमें निवेशक रातोंरात पैसा कमा सकता है, तो वहीं बड़ा घाटा भी खा सकता है। यहां तक कि उच्च बाजार पूंजीकरण वाले शीर्ष पेन स्टॉक भी कई बार घाटे का सामना करते हैं।
- सीमित जानकारी
पेनी स्टॉक कंपनियां में निवेश से पहले कंपनी की वित्तीय सुदृढ़ता, प्रबंधन गुणवत्ता और उसके प्रदर्शन के बारे में जानना चुनौतीपूर्ण है। ब्लू-चिप कंपनियों की तुलना में पेनी स्टॉक में ट्रेडिंग की जानकारी निवेशक के पास बेहद कम होती है। अधिकतर पेनी स्टॉक कंपनियों के ऐतिहासिक प्रदर्शन के रिकॉर्ड की जानकारी शायद ही किसी के पास होती है।
- कम तरलता
पेनी स्टॉक मार्केट में तरलता बहुत कम होती है। जैसा कि आप घर से बाहर निकलने पर ब्रांडेड उत्पादों को खरीदना पसंद करते हैं, उसी तरह अगर आपने अब तक निवेश नहीं किया है तो आप लार्ज-कैप कंपनी में निवेश करना पसंद करेंगे। वहीं, पेनी स्टॉक पर ये बात लागू नहीं होती, क्योंकि यहां कम ट्रेडिंग वॉल्यूम में छोटी कंपनियां होती हैं। कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण निवेशकों के लिए पेनी स्टॉक खरीदना या बेचना मुश्किल होता है। पेनी स्टॉक में निवेशक फंसा हुआ महसूस करता है। क्योंकि इसे लेने के लिए कोई इतना जल्दी तैयार नहीं होता।
- धोखाधड़ी की आशंका
कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और स्टॉक की कीमतों के कारण पेनी स्टॉक स्कैमर्स की पहुंच में रहते हैं। यह स्कैमर्स निवेशकों की कीमत पर मुनाफा कमाने के लिए कीमत में हेरफेर तक कर लेते हैं। ऐसे में कीमतों में हेराफेरी होने से निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पेनी स्टॉक में निवेश के फायदे और नुकसान
फायदे | नुकसान |
कम लागत | मूल्य की अस्थिरता |
अच्छा रिटर्न | सीमित जानकारी |
रातोंरात लाभ | कम तरलता |
– | धोखाधड़ी की आशंका |
पेनी स्टॉक में निवेश करना
पेनी स्टॉक में निवेश करना लॉटरी की टिकट खरीदने जैसा है। कोई भी व्यक्ति जोखिम उठाकर अपनी बचत से लॉटरी टिकट नहीं खरीदता है। इसी तरह निवेशकों को भी अपने पोर्टफोलियो के उस हिस्से को सीमित रखना चाहिए, जिसे वह पेनी स्टॉक में निवेश करते हैं। जैसा कि पेनी स्टॉक में जोखिम अधिक और तरलता कम है। इसलिए निवेशक को अपने जोखिम क्षमता के अनुसार ही राशि निवेश करनी चाहिए। ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने के कारण इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको निवेश से फायदा होगा।
फोर्ड मोटर के अचानक से पेनी स्टॉक में आ जाने से ये काफी चर्चा में रहा। साल 2009 में फोर्ड मोटर 2 डॉलर प्रति शेयर के करीब कारोबार कर रही थी और वर्ष के अंत तक वापस 10 डॉलर पर आ गई। 2009 में फोर्ड एक 106 साल पुरानी कंपनी थी जो मौलिक रूप से मजबूत पेनी स्टॉक में बदल गई थी। सभी पेनी स्टॉक में समान विशेषताएं नहीं हो सकती हैं।
आपको अच्छे फंडामेंटल वाले भारतीय पेनी स्टॉक मिल सकते हैं। मजबूत फंडामेंटल वाले डेब्ट-फ्री पेनी स्टॉक मल्टी-बैगर पेनी स्टॉक की तरह हो सकते हैं। लेकिन, आपको ट्रेडिंग वॉल्यूम पर भी नजर रखनी चाहिए। निवेशकों को सावधान रहते हुए पैसा स्टॉक में निवेश करना चाहिए। मौलिक शोध के साथ-साथ निवेशकों को तकनीकी विश्लेषण भी करना चाहिए।
स्टॉक के तकनीकी विश्लेषण के लिए आप यहां से मदद ले सकते हैं।
निष्कर्ष
ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होने से पेनी स्टॉक में ट्रेड करना आसान नहीं है। इन कंपनियों में निवेश करके निवेशक खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। जानकारी के अभाव में भी निवेशकों को घाटा खाना पड़ता है। इसलिए, निवेशकों को किसी भी पेनी स्टॉक में निवेश करने से पहले उसके मूल सिद्धांतों पर अच्छे से रिसर्च करनी चाहिए।
वेल्थडेस्क पर आप स्टॉक और ETF के पोर्टफोलियो में निवेश कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि यहां हाई ग्रोथ या स्थिरता और बैंकिंग जैसे विषयों जैसे विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से हासिल किया जा सकता है। इन पोर्टफोलियो को वेल्थबास्केट कहा जाता है, जिसका प्रबंधन SEBI पंजीकृत पेशेवरों द्वारा किया जाता है।
उच्च विकास या स्थिरता और बैंकिंग जैसे विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों के लिए तैयार स्टॉक और ईटीएफ के पोर्टफोलियो में निवेश कर सकते हैं। ये पोर्टफोलियो, जिन्हें वेल्थबास्केट कहा जाता है, सेबी-पंजीकृत पेशेवरों द्वारा क्यूरेट किया जाता है। म्यूचुअल फंड के विपरीत WealthBaskets में एसेट्स सीधे कस्टमर के अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है। इससे निवेशकों का अपने पोर्टफोलियो पर अधिक कंट्रोल रहता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पेनी स्टॉक में निवेश करना बहुत जोखिम भरा होता है। कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और सीमित जानकारी के कारण आप शेयरों में फंस सकते हैं। बिना जानकारी के आपको इन शेयरों से नुकसान हो सकता है।
अगर पेनी स्टॉक बढ़ता है तो निवेशक को भारी मुनाफा होता है। लेकिन, ऐसा हो ही जरूरी नहीं। पेनी स्टॉक कंपनियों के बारे में बेहद कम जानकारी होती है। साथ ही, तरलता कम होने के कारण निवेशकों को पेनी स्टॉक से पैसा निकालने में परेशानी हो सकती है।
सीमित जानकारी और कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण पेनी स्टॉक जोखिम भरा है। बिना जानकारी के इसमें व्यापार करना जोखिम भरा हो सकता है। कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण पेनी स्टॉक से पैसा निकालना मुश्किल हो जाता है।